आज फिर एक ब्लू व्हेल की बली चढ़ गया, परेशानी ये है की इसका ना कोई लिंक है न ही कोई साइड तो फिर इस विकृत मानसिकता के जनक को पकड़ा कैसे जाए? परंतु इसको पकड़ना बहुत जरूरी है, क्योंकि यदि किसी अंजान व्यक्ति के कहने पर बच्चे वही कर रहे हैं, जैसा वह चाहता है, तो कल को वह इन मासूमों का उपयोग किसी आत्मघाती शस्त्र के रूप में समाज या देश के खिलाफ भी कर सकता है, इसमें भी कोई अतिशयोक्ति नहीं की वह इसी प्रकार की कोई साजिश को अंजाम देने के लिए भूमिका बना रहा हो।
वर्तमान युग में अपरोधों का भी आधुनिकरण होने लगा है, इसलिए ये ज्यादा गंभीर होते जा रहे हैं और समाज के बड़े हिस्से ही को नहीं कभी कभी तो देश तक को भी प्रभावित करते हैं, आतंकवाद इसका एक सशक्त उदाहरण है,जिसकी विकृत मानसिकता कई समाज और देशों को परेशान किए हुये है।
अस्तु, इसके पहले की यह ब्लू व्हेल नामक सुरसा अपना विस्तार करे,हमें व्याक्तिगत ,सामाजिक,सरकारी बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसका हल ढूंढ़ना ही होगा।